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चंद्रयान 3 : भारत के चाँद तक पहुँचने की पूरी कहानी
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेय जी ने 15 अगस्त 2003 को चंद्रयान मिशन की घोषणा की
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चंद्रयान-1 ने 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी.
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चंद्रयान-1 ने trajectory पर स्थापित होने के लिए चंद्र स्थानांतरण परिपथ (लुनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री) में 8 नवंबर 2008 को प्रवेश किया.
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चंद्रयान-1 : 14 नवंबर 2008 को दुर्घटनाग्रस्त होने से पूर्व उसने चांद की सतह पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की
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28 अगस्त 2009 को इसरो ने चंद्रयान-1 मिशन के समाप्ति की घोषणा की।
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एक बार फिर से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 ने 22 जुलाई 2019 को उड़ान भड़ी।
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चंद्रयान-2, 20 अगस्त 2019 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया.
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02 सितंबर 2019 को लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रयान 2 से अलग हो गया, लेकिन चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुँचते ही लैंडर का ISRO के स्टेशन से संपर्क टूट गया.
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अब एक बार फिर से 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरने के लिए तैयार है.
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