उनका पूरा नाम रिंकू खानचंद सिंह है और उन्होंने उत्तरप्रदेश के साथ साथ आईपीएल में किंग्स एलेवेन पंजाब और वर्तमान में कोलकाता नाईट राइडर्स के लिए खेल रहे हैं।
2014 में 16 साल को छोटी सी उम्र में ही उन्होंने उत्तरप्रदेश के लिए लिस्ट A क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था
रिंकू सिंह का जन्म अलीगढ उत्तरप्रदेश में एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था और उनका प्रारंभिक जीवन बहुत ही संघर्ष पूर्ण था
उनके पिता खानचन्द्र सिंह एक एलपीजी गैस डिलीवरी एजेंट थे और वो घर घर जाकर एलपीजी गैस की डेलिवरी किया करते थे। उनकी माता जी का नाम विना देवी है जो की एक गृहणी हैं
रिंकू बचपन से ही क्रिकेट की ओर आकर्षित हो गए और वो क्रिकेट खेलने लगे , उनके कोच जीशान, मसूद-उज-जफर अमिनी, सुरेश शर्मा, मंसूर अहमद हैं
आर्थिक तंगी और घरेलू कठिनाइयों के कारण रिंकू सिंह अपनी पढाई समय तक जारी नहीं रख सके और उनकी पढाई सिर्फ 9वीं तक ही हो पाई
एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें लगा की अब वो क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे और अब उन्हें आगे क्रिकेट खेलना छोड़ना होगा, क्योंकि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी
रिंकू नौकरी की तलाश में निकले लेकिन जयादा पढ़ा लिखा ना होने के कारण उन्हें किसी जगह झाड़ू लगाने का काम मिला
2016-17 की रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया। रणजी ट्रॉफी में रिंकू ने 40 मैचों की 59 परियों में 59.89 की उम्दा औसत से 2875 रन बनाये
इनके अच्छे प्रदर्शन का फायदा इन्हें ये हुआ की आईपीएल के 2017 के संस्करण में किंग्स एलेवेन पंजाब ने रिंकू सिंह को 10 लाख के बेस प्राइस पे ख़रीदा
2018 के विजय हज़ारे ट्रॉफी के एक मैच में त्रिपुरा के विरूद्ध ताबड़तोड़ अंदाज़ में बल्लेबाजी करते हुए 44 गेंद में नाबाद 91 रन बनाये