ENG vs IND 2nd Test: शुभमन गिल के नेतृत्व में भारतीय टीम को हेडिंग्ले टेस्ट में इंग्लैंड से पांच विकेट की हार का सामना करना पड़ा, जिससे पांच मैचों की सीरीज में टीम इंडिया 0-1 से पिछड़ गई है और अब एजबेस्टन में होने वाले दूसरे टेस्ट से पहले कई गंभीर चिंताएं सामने आ रही हैं।

ENG vs IND 2nd Test: कप्तानी रणनीति में सुधार
शुभमन गिल की कप्तानी में सबसे बड़ी कमी उनकी रणनीतिक दृष्टि और मैदान पर अधिकार की कमी रही है। लीड्स टेस्ट के दौरान ऐसा लग रहा था कि मैदान पर कई कप्तान मौजूद थे, जहां केएल राहुल और ऋषभ पंत भी निर्णय लेने में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। पूर्व इंग्लैंड कप्तान नासिर हुसैन ने भी टिप्पणी की कि गिल के पास मैदान पर “रोहित शर्मा और विराट कोहली वाली झलक नहीं थी” और वह केवल प्रतिक्रिया दे रहे थे, न कि नेतृत्व कर रहे थे।
डीआरएस का उपयोग भी गिल की कमजोरी रही, जहां उन्होंने पहली और दूसरी दोनों पारियों में इसका सही इस्तेमाल नहीं किया। बेन डकेट, ओली पोप और जेमी स्मिथ के खिलाफ लिए गए सभी डीआरएस असफल रहे। इसके अलावा, उनकी रक्षात्मक रणनीति ने इंग्लैंड को हावी होने का मौका दिया, जिसके परिणामस्वरूप मेजबान टीम 371 रनों के विशाल लक्ष्य को पांच विकेट से हासिल करने में सफल रही। एडगबेस्टन में गिल को अपनी रणनीति में आक्रामकता लाने और टीम पर स्पष्ट नेतृत्व दिखाने की जरूरत होगी।
निचले क्रम की बल्लेबाजी समस्या
लीड्स टेस्ट में हार के बाद शुभमन गिल ने स्पष्ट रूप से निचले क्रम की बल्लेबाजी को प्रमुख समस्या के रूप में चिह्नित किया। उन्होंने कहा, “हमारे पास मौके थे लेकिन हमने कैच छोड़े और निचले क्रम से भी रन नहीं बने।” दोनों पारियों में भारतीय टीम की यही कमजोरी सामने आई:
- पहली पारी में 359/3 से टीम 471 पर ऑल आउट हुई, जहां आखिरी 7 विकेट मात्र 41 रनों पर गिरे।
- दूसरी पारी में आखिरी 6 विकेट सिर्फ 77 रनों के अंदर गिर गए।
- गिल ने स्वीकार किया कि वे 430 रन बनाकर पारी घोषित करने की योजना बना रहे थे, लेकिन आखिरी 6 विकेट महज 20-25 रनों में गिरने से यह संभव नहीं हुआ।
एडगबेस्टन में दूसरे टेस्ट से पहले यह गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि पांच शतकों (पंत के दो और गिल, जायसवाल, राहुल के एक-एक) के बावजूद टीम अपेक्षित बड़े स्कोर तक नहीं पहुंच सकी। गिल ने इस मुद्दे पर टीम के साथ चर्चा की बात भी स्वीकारी और कहा, “हमें आने वाले मैचों में इसमें सुधार करना होगा।”
खराब फील्डिंग
भारत की हेडिंग्ले टेस्ट में हार का एक प्रमुख कारण खराब फील्डिंग रही, जिसमें टीम ने कुल 8 कैच छोड़े। इनमें से यशस्वी जायसवाल अकेले चार कैच टपकाने के लिए चर्चा में रहे, जिनमें से तीन स्लिप और गली क्षेत्र में थे। सबसे महत्वपूर्ण कैच आखिरी दिन जसप्रीत बुमराह की गेंद पर छूटा, जब भारत जीत की उम्मीद कर रहा था। मोहम्मद सिराज की गेंद पर बेन डकेट (97 रन पर) का छूटा हुआ कैच मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ, जिसके बाद उन्होंने 52 रन और जोड़कर मैच जिताऊ पारी खेली।
- यशस्वी जायसवाल के अलावा प्रसिद्ध कृष्णा और ऋषभ पंत से भी कैच छूटे।
- इंग्लैंड को पहली पारी में कैच टपकाने के कारण लगभग 200 रनों का फायदा मिला।
- दूसरी पारी में भी हैरी ब्रूक, बेन डकेट, ऑली पोप और जैक क्रॉली जैसे बल्लेबाजों के मौके गंवाए गए।
- सोशल मीडिया पर यशस्वी जायसवाल का बाउंड्री पर डांस करते हुए वीडियो वायरल होने के बाद उनकी आलोचना भी हुई।
बुमराह पर अत्यधिक निर्भरता
लीड्स टेस्ट में भारतीय गेंदबाजी अटैक में जसप्रीत बुमराह के अलावा कोई भी गेंदबाज इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में सफल नहीं रहा। पहली पारी में बुमराह ने शानदार गेंदबाजी करते हुए तीन महत्वपूर्ण विकेट लिए, लेकिन दूसरी पारी में 19 ओवर में 57 रन देकर वह भी विकेट लेने में विफल रहे। मोहम्मद सिराज ने दूसरी पारी में अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन विकेट नहीं ले पाए, जबकि पहली पारी में उनकी गेंदबाजी साधारण रही।
- प्रसिद्ध कृष्णा दोनों पारियों में महंगे साबित हुए, 6 से अधिक की इकॉनमी से रन दिए।
- शार्दुल ठाकुर की गेंदबाजी भी प्रभावशाली नहीं रही और बल्ले से भी योगदान नहीं दे पाए।
- बुमराह वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण सिर्फ 3 टेस्ट खेलेंगे, जिससे टीम इंडिया की चिंताएं और बढ़ गई हैं।
- इंग्लैंड के बल्लेबाज बेन डकेट ने बुमराह को “दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज” बताया, जिनका सामना करना “बेहद मुश्किल” है।