ICC New Rules 2025: ICC ने इंटरनेशनल क्रिकेट के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। जानिए टेस्ट और वनडे में स्टॉप क्लॉक, DRS, बॉल चेंज, शॉर्ट रन, और कंकशन प्रोटोकॉल समेत सभी नई गाइडलाइंस की पूरी जानकारी।

ICC New Rules 2025: क्रिकेट के फैंस के लिए बड़ी खबर!
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने 2025 में क्रिकेट के नियमों में कई बड़े बदलाव किए हैं। इन नए नियमों का असर टेस्ट, वनडे और टी20-तीनों फॉर्मेट पर पड़ेगा। कुछ नियम पहले ही लागू हो चुके हैं, जबकि बाकी 2 जुलाई से सफेद गेंद वाले फॉर्मेट्स (वनडे, टी20) में लागू होंगे। आइए, जानते हैं इन सभी नए नियमों की डिटेल्स और उनका असर।
1. टेस्ट और वनडे में स्टॉप क्लॉक का नया नियम
अब टेस्ट क्रिकेट में भी स्टॉप क्लॉक लागू हो गया है। इसका मकसद ओवर रेट को सुधारना है।
- हर ओवर खत्म होने के बाद अगला ओवर एक मिनट के अंदर शुरू करना जरूरी है।
- अगर फील्डिंग टीम ऐसा नहीं करती, तो पहली दो बार चेतावनी मिलेगी।
- तीसरी बार पांच रन की पेनल्टी लगेगी।
यह नियम पहले सिर्फ सफेद गेंद क्रिकेट (वनडे, टी20) में था, अब टेस्ट में भी लागू हो गया है। इससे मैच की रफ्तार बढ़ेगी और दर्शकों को भी फायदा होगा।
2. बॉल चेंज पर पूरी ताकत अब अंपायरों के पास
अब टीमें जानबूझकर बॉल पर सलाइवा (लार) लगाकर बॉल बदलने की मांग नहीं कर सकतीं।
- बॉल बदलने का फैसला सिर्फ ऑन-फील्ड अंपायर लेंगे, वो भी बॉल की हालत देखकर।
- इससे मैच में फेयरनेस बढ़ेगी और बॉल टेम्परिंग पर रोक लगेगी।
3. DRS नियमों में बड़ा बदलाव
- पहले अगर बैटर को कैच आउट दिया गया और बॉल पैड को छूकर गई, तो LBW की सेकेंडरी रिव्यू में बैटर को फायदा मिल जाता था।
- अब नए नियम के तहत, अगर बॉल ट्रैकिंग में ‘अंपायर कॉल’ भी आता है, तो बैटर आउट ही माना जाएगा।
- यानी, LBW और कैच के केस में DRS का फैसला और सख्त हो गया है।
4. कंबाइंड रिव्यू में फैसले की टाइमलाइन
अगर एक ही बॉल पर दो अपील (जैसे LBW और रनआउट) होती है, तो TV अंपायर पहले उसी अपील को देखेंगे जो पहले हुई थी।
- यानी, फैसले अब क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर में होंगे।
- इससे रिव्यू में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी।
5. नो-बॉल पर कैच की फेयरनेस भी चेक होगी
अगर ऑन-फील्ड अंपायर को कैच की फेयरनेस पर शक है और TV अंपायर बता देता है कि वो बॉल नो-बॉल थी-
- तब भी अंपायर को देखना होगा कि कैच क्लीन था या नहीं।
- अगर कैच क्लीन है, तो बैटिंग टीम को सिर्फ एक रन (नो-बॉल का) मिलेगा।
- अगर कैच क्लीन नहीं है, तो जितने रन बैटर ने दौड़कर पूरे किए, उतने मिलेंगे।
6. शॉर्ट रन पर अब फील्डिंग टीम को मिलेगा फायदा
अगर बैटर जानबूझकर शॉर्ट रन करता है, तो-
- फील्डिंग टीम तय करेगी कि अगली बॉल पर कौन बैटर स्ट्राइक पर रहेगा।
- साथ ही, बैटिंग टीम पर पांच रन की पेनल्टी भी लगेगी।
- इससे मैच में ईमानदारी और फेयर प्ले को बढ़ावा मिलेगा।
7. कंकशन प्रोटोकॉल में बदलाव
- अब हर टीम को मैच के लिए कंकशन रिप्लेसमेंट खिलाड़ी पहले से नामित करना होगा।
- अगर कोई खिलाड़ी मैच के दौरान कंकशन (सिर में चोट) का शिकार होता है, तो उसे कम से कम सात दिन तक ब्रेक लेना होगा।
- इससे खिलाड़ियों की सेफ्टी को प्राथमिकता मिलेगी।
ICC के इन नए नियमों से इंटरनेशनल क्रिकेट में पारदर्शिता, फेयरनेस और खिलाड़ियों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। स्टॉप क्लॉक से मैच की रफ्तार बढ़ेगी, DRS और बॉल चेंज के नियमों से विवाद कम होंगे, और कंकशन प्रोटोकॉल से खिलाड़ियों की सेहत का ध्यान रखा जाएगा।
आपको ICC के ये नए नियम कैसे लगे? क्या इससे क्रिकेट और रोमांचक होगा? अपनी राय हमें कमेंट में ज़रूर बताएं!