जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में फिर दिखाया कमाल, लेकिन बाकी भारतीय पेसर्स क्यों फेल हो रहे हैं? जानिए बुमराह पर बढ़ती निर्भरता और टीम इंडिया की असली चुनौती।

Jasprit Bumrah का जादू, बाकी गेंदबाजों की चिंता
लीड्स के हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट के दूसरे दिन जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर भारतीय गेंदबाजी की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठा ली। पिच और मौसम दोनों तेज गेंदबाजों के लिए मुफीद थे, लेकिन बुमराह के अलावा कोई भी भारतीय पेसर इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशान नहीं कर सका। बुमराह ने 13 ओवर में 3 विकेट लेकर भारत को मैच में बनाए रखा, लेकिन बाकी पेसर्स ने 27 ओवर में 129 रन देकर एक भी विकेट नहीं लिया।
बुमराह बनाम बाकी भारतीय पेसर्स: आंकड़ों की जुबानी
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो बुमराह और बाकी भारतीय तेज गेंदबाजों के बीच फर्क साफ दिखता है।
- बुमराह: 2024 के बाद से 35 विकेट, औसत 13.31
- बाकी पेसर्स: 48 विकेट, औसत 40.29
यानी बुमराह जहां हर मैच में मैच विनर साबित हो रहे हैं, वहीं बाकी गेंदबाजों की गेंदबाजी में न धार है, न निरंतरता। मोहम्मद सिराज ने भले ही 20 विकेट लिए हों, लेकिन उनका औसत 34.45 है, जो बुमराह के मुकाबले काफी ज्यादा है।
क्यों नहीं चल पा रहे सिराज, प्रसिद्ध और बाकी पेसर्स?
मोहम्मद सिराज को बुमराह का डिप्टी माना जाता है, लेकिन वे लगातार लाइन-लेंथ और प्लानिंग में चूक रहे हैं। प्रसिद्ध कृष्णा का यह इंग्लैंड में पहला टेस्ट था, और अनुभव की कमी साफ दिखी। सबसे हैरानी की बात रही कि कप्तान शुभमन गिल ने शार्दुल ठाकुर को 40वें ओवर तक गेंदबाजी ही नहीं दी, जिससे टीम में भरोसे की कमी भी दिखी। रवींद्र जडेजा, जो इकलौते स्पिनर हैं, वे भी विकेट लेने में नाकाम रहे।
बुमराह पर बढ़ती निर्भरता: टीम इंडिया के लिए खतरे की घंटी
बुमराह की हर स्पेल में भारत को विकेट की उम्मीद रहती है, लेकिन बाकी गेंदबाजों का सपोर्ट न मिलना टीम के लिए बड़ी चिंता है। अगर यही ट्रेंड चलता रहा तो बुमराह की थकान और वर्कलोड भी बढ़ेगा, जिससे वे हर टेस्ट नहीं खेल पाएंगे। खुद बुमराह ने भी कहा है कि वे सभी 5 टेस्ट नहीं खेल सकते, ऐसे में सिराज, प्रसिद्ध और शार्दुल को जिम्मेदारी लेनी ही होगी।
इंग्लैंड की बल्लेबाजी और भारत की चुनौतियां
दूसरे दिन भारत ने 471 रन बनाए थे, लेकिन इंग्लैंड ने काउंटर अटैक करते हुए 209/3 पर दिन खत्म किया। ओली पोप के शतक और भारतीय फील्डिंग में कैच छूटने से मैच का रुख बदल गया। अगर भारतीय पेसर्स ने जल्दी विकेट नहीं निकाले तो इंग्लैंड मैच पर पकड़ बना सकता है।
अगर भारत को सीरीज में बने रहना है तो बुमराह के साथ-साथ बाकी पेसर्स को भी जिम्मेदारी निभानी होगी। बुमराह हर बार अकेले मैच नहीं जिता सकते। टीम मैनेजमेंट और फैंस दोनों यही उम्मीद कर रहे हैं कि सिराज, प्रसिद्ध और शार्दुल जल्द फॉर्म में लौटें।
जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी ने भारत को हेडिंग्ले टेस्ट में बनाए रखा है, लेकिन बाकी पेसर्स की नाकामी टीम के लिए खतरे की घंटी है। क्या सिराज और बाकी गेंदबाज बुमराह का साथ दे पाएंगे या भारत सिर्फ बुमराह के भरोसे ही रहेगा?
आपकी राय में क्या बुमराह अकेले दम पर भारत को जीत दिला सकते हैं, या बाकी गेंदबाजों को भी आगे आना होगा? अपनी राय हमें कमेंट में ज़रूर बताएं!