Rohit Sharma ने 2019 वर्ल्ड कप में 5 शतक जड़े, लेकिन टीम हार गई। जानिए कैसे इस हार ने उनका नजरिया बदला और टीम की जीत को सबसे ऊपर रखा।

2019 वर्ल्ड कप में पांच शतक लगाने के बावजूद जब टीम इंडिया सेमीफाइनल में हार गई, तो Rohit Sharma के लिए यह सबसे बड़ा सबक बन गया। हाल ही में Beyond23 Cricket Podcast में माइकल क्लार्क से बातचीत में रोहित ने खुलकर बताया कि कैसे उस हार ने उनकी सोच बदल दी। उन्होंने कहा, “मैंने पांच शतक लगाए, लेकिन टीम सेमीफाइनल में हार गई। अगले दिन फ्लाइट में बैठा तो लगा, ये रन किसी काम के नहीं अगर ट्रॉफी नहीं जीत पाए। तभी से मेरा नजरिया बदल गया , अब मेरा फोकस सिर्फ टीम की जीत, ट्रॉफी और टूर्नामेंट जीतने पर है।”
2019 की हार ने बदली सोच, टीम के लिए खेलने का जज़्बा
रोहित शर्मा का मानना है कि व्यक्तिगत रिकॉर्ड तभी मायने रखते हैं, जब टीम जीतती है। उन्होंने साफ कहा, “अब मैं सिर्फ अपने रन, शतक या रिकॉर्ड की चिंता नहीं करता। कप्तान बनने के बाद मैंने पूरी टीम को भी यही सोचने के लिए प्रेरित किया , टीम पहले, बाकी सब बाद में।”
इस सोच का असर टीम इंडिया की हालिया सफलता में साफ दिखा। रोहित की कप्तानी में भारत ने T20 World Cup 2024 और Champions Trophy 2025 जैसे बड़े टूर्नामेंट जीते। ODI World Cup 2023 के फाइनल तक पहुंचे, भले ही वहां ऑस्ट्रेलिया से हार मिली।
आक्रामक अंदाज और टीम-फर्स्ट कल्चर
2019 के बाद रोहित ने अपने खेल में भी बदलाव किया। पहले वे संयमित बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब वे शुरुआत से ही आक्रामक खेल दिखाते हैं। 2023 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी में उनकी तेज शुरुआत ने टीम इंडिया की जीत की नींव रखी।
रोहित का कहना है, “टीम के हर खिलाड़ी को आज़ादी और जिम्मेदारी दोनों चाहिए। जब खिलाड़ी बिना डर के खेलते हैं, तभी असली टीमवर्क और जीत मिलती है।”
IPL 2025: Rohit Sharma की फॉर्म चिंता का विषय
फिलहाल IPL 2025 में रोहित शर्मा का बल्ला खामोश है। मुंबई इंडियंस के पूर्व कप्तान ने पांच मैचों में सिर्फ 56 रन बनाए हैं और उनका औसत 11.20 रहा है। हालांकि, टीम में उनकी मौजूदगी अनुभव और लीडरशिप के लिए अहम मानी जा रही है। अगला मुकाबला मुंबई इंडियंस का सनराइजर्स हैदराबाद से 17 अप्रैल को है, जहां फैंस को उनसे बड़ी पारी की उम्मीद होगी।
रोहित शर्मा का ईमानदारी से दिया गया ये बयान बताता है कि क्रिकेट में असली मायने टीम की जीत और ट्रॉफी के हैं, न कि केवल व्यक्तिगत रिकॉर्ड के। 2019 की हार ने उन्हें और पूरी टीम को नया नजरिया दिया, जिसका असर आज भारतीय क्रिकेट की नई सफलता में दिखता है।
आपको क्या लगता है , क्या टीम की जीत सबसे बड़ी है या व्यक्तिगत रिकॉर्ड? कमेंट में अपनी राय जरूर बताएं!