Sachin vs Kohli: सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के 123 टेस्ट के बाद के आँकड़ों, कप्तानी और असर की गहराई से तुलना। जानिए किसका दबदबा रहा ज्यादा और क्यों!

भारतीय क्रिकेट में अगर किसी दो बल्लेबाजों का नाम सबसे ऊँचा है, तो वो हैं सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली। दोनों ने अपनी-अपनी पीढ़ी में बल्ले से कमाल किया, रिकॉर्ड्स बनाए और करोड़ों फैंस के दिलों पर राज किया। अब जब विराट कोहली ने 123 टेस्ट खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, तो एक बार फिर बहस छिड़ गई है-क्या आँकड़ों में कोहली, सचिन के करीब हैं? या फिर मास्टर ब्लास्टर का जादू अब भी सबसे ऊपर है? आइए, दोनों दिग्गजों की 123 टेस्ट मैचों के बाद की तुलना आंकड़ों, कप्तानी और असर के आधार पर करते हैं।
खेल शैली और मैदान पर प्रभाव: Sachin vs Kohli
सचिन तेंदुलकर
सचिन का नाम आते ही क्लासिकल बैटिंग, सीधी ड्राइव और ऑफ-स्टंप के बाहर शानदार जजमेंट याद आता है। उनकी तकनीक इतनी मजबूत थी कि दुनिया के सबसे तेज़ गेंदबाज भी उनके सामने बेबस दिखते थे। मैदान पर कम बोलने वाले सचिन ने बल्ले से ही जवाब दिया-हर मुश्किल पिच, हर बड़े मौके पर। 90 के दशक में जब टीम इंडिया के लिए जीत मुश्किल थी, तब सचिन उम्मीद की किरण थे। उनके खेल ने एक पूरी पीढ़ी को क्रिकेटर बनने का सपना दिखाया।
विराट कोहली
विराट कोहली ने मैदान पर नई ऊर्जा लाई। उनका खेल आक्रामक, आत्मविश्वासी और चुनौती पसंद था। कोहली की कवर ड्राइव और स्पिन के खिलाफ फुटवर्क आज के दौर में सबसे बेहतरीन माने जाते हैं। विराट ने फिटनेस और प्रोफेशनलिज्म का नया स्टैंडर्ड सेट किया, जिससे पूरी टीम का कल्चर बदला। मैदान पर उनका जुनून और ड्रेसिंग रूम में उनकी लीडरशिप ने टीम इंडिया को निडर क्रिकेट सिखाया।
आँकड़ों की जंग: Sachin vs Kohli Upto 123 Test?
आँकड़ा | विराट कोहली | सचिन तेंदुलकर |
मैच | 123 | 123 |
पारियां | 210 | 198 |
रन | 9,230 | 10,134 |
औसत | 46.85 | 57.25 |
शतक | 30 | 34 |
अर्धशतक | 31 | 41 |
सर्वाधिक स्कोर | 254* | 248* |
दोहरे शतक | 7 | 4 |
स्ट्राइक रेट | 55.57 | 54.00 |
कप्तानी: विराट का बोलबाला
जहां सचिन तेंदुलकर ने कप्तानी में सिर्फ 25 टेस्ट में 4 जीत दिलाई (16% जीत प्रतिशत), वहीं विराट कोहली ने 68 टेस्ट में कप्तानी की और 40 मैच जीतकर भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई दी। विराट की कप्तानी में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती और टीम को दुनिया की नंबर 1 टेस्ट टीम बनाया। फिटनेस और तेज गेंदबाजी पर फोकस ने टीम इंडिया की सोच ही बदल दी।
कौन है असली लीजेंड?
अगर सिर्फ आँकड़ों की बात करें तो 123 टेस्ट के बाद सचिन तेंदुलकर के रन, औसत और कंसिस्टेंसी विराट कोहली से बेहतर हैं। लेकिन विराट की कप्तानी, विदेशी मैदानों पर जीत और टीम इंडिया के कल्चर में बदलाव उनकी विरासत को खास बनाते हैं। सचिन ने जहाँ उम्मीद जगाई, वहीं विराट ने टीम को जीतना सिखाया।
दो युग, दो लीजेंड
सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली-दोनों ने भारतीय क्रिकेट को अलग-अलग मुकाम दिए। सचिन ने जबरदस्त तकनीक और शांत स्वभाव से दिल जीता, तो विराट ने आक्रामकता और जुनून से टीम को नई पहचान दी। दोनों की तुलना करना आसान नहीं, लेकिन एक बात तय है-इन दोनों की कहानियां आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।
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